Verse 1अब तक मेरे जीवन में तू साथ रहा
अब तक मुझे अपने साथ चला रहा
शून्य से उठाकर मेरे जीवन को खडा किया
अब तक मेरे जीवन में तू साथ रहा
Verse 2जब रोया हागार के समान में
भटकता रहा याकूब के समान में
जीवन का जल मुझे देकर मरुभूमि में
अब तक मेरे जीवन में तू साथ रहा (2)
Verse 3प्रतिदिन की रोटी से तृप्त करता तू
धर्म के मार्ग में ले चलता तू
तेरी बुलाहट सुनकर तेरी सेवा करने में
अब तक मेरे जीवन में तू साथ रहा (2)
Verse 4जब अकेला गैर जीवन में था
अपना सब कुछ छोड़ मैं भटकता था
अपने साथअपने घर का वायदा किया तूने
अब तक मेरे जीवन में तू साथ रहा (2)
Verse 5आँसू दुःख निराशा मेरे जीवन के
सम्पूर्ण दूर होंगे मेरे जीवन से
संतो संग दूतों संग गाऊँगा प्रभु के गुण
अब तक मेरे जीवन में तू साथ रहा (2)