Ambar bhi naya dharthi bhi naya
Song: Ambar bhi naya dharthi bhi naya
Verse 1अम्बर भी नया, धरती भी नई
और नया येरूशलेम होगा
Verse 2हर सुबह नई, हर शाम नई
हर वक्त सुहाना होगा
सुन्दर सा एक नगर होगा (२)
Verse 3अंधे की आँख खुलेगी, बहरे का कान खुलेगा (२)
दौडेगा ज़ोर से लंगडा, गूंगा महिमा गायेगा
कोई कष्ट नही , आंसू भी नही
बस प्यार ही प्यार होगा;- हर सबह नई
Verse 4सूरज भी न डुबेगा, चाँद भी न सोयेगा (२)
कभी अँधेरा न होगा, और पाप का नाम न होगा
वहां मौत नही, बिमारी नही
कभी किसी का अंत न होगा;- हर सुबह नई