Verse 1कोः ऐ हमारे बाप तू जो आसमान में है,
तेरा नाम पाक माना जाए
तेरी बादशाहत आए ...2
Verse 2जैसे कि तेरी मर्जी, आसमान में पूरी होती
वैसे ही तेरी मर्जी, जगत में पूरी हो जाए
Verse 3जैसे की हम अपने, अपराधी माफ करते
वैसे ही तू हमारे, अपराध को माफ कर दे
Verse 4रोज की रोटी हमारी, आज हमको दे दे
जीवन की रोटी तू है, वह ही हमारा बल है
Verse 5हमको आजमाइशों मे जाने तू ना दे
बल्कि बुराई से बचा, तेरी राह में चला
Verse 6क्योकि आसमानी बादशाहत, और कुवत कुदरत
जर्रो जमीन का जलाल है हमेशा तेरा
आमीन, आमीन, आमीन