Verse 1को. चमका चरनी में तारा हुआ सारे
जग में उजियारा - 2
Verse 2चमका, ओहो चमका ओहो चमका चरनी में तारा
हुआ सारे जग में उजियारा
चमका चरनी में तारा
हुआ सारे जग में उजियारा
Verse 3धरती पे नाचो जसन मनाओ शंमे जलाओ फूल खिलाओ
दूर हुआ है अँधियारा हुआ सारे जग में उजियारा
चमका चरनी में ......
Verse 4आया है जग का रखवाला कुदरत और जिमत वाला
इसको है सब जग प्यारा हुआ सारे जग में उजियारा
चमका चरनी में ......
Verse 5क्या सोना चाँदी पैसा कोई नही है उस जैसा
वो है दुनिया से न्यारा हुआ सारे जग में उजियारा
चमका चरनी में ......