Verse 1देखो कलवरी पर, कैसा अनोखा प्यार है वो;
मेरे खातिर दर्द सहा, जान भी दे दिया हैं | (२)
हालेल्लूयाह | (४)
Verse 2चोरों की नाई मरा, खून उसका बह गया है; (२)
धूल गए है मेरे पाप, बहते खून से | (२)
हालेल्लूयाह | (४)
Verse 3काँटों का ताज पहना, मुझको जीवन देने; (२)
भूलूँगा न मैं उस प्रेम को, जीवन के अंत तक | (२)
हालेल्लूयाह | (४)
Verse 4मृत्यु से फिर जी उठा है, आएगा लेने मुझे; (२)
तैयारी मैं करूँ, उसके संग जाने को | (२)
हालेल्लूयाह | (४)