Verse 1गाऊंगा मैं तेरे ही गीतहे येशु तू है महान
तेरा ही नाम मेरे मसीह
लेता हुँ सुबह और शाम…. २
Verse 2जब मैं गुनाहों में पडा
तेरे प्रेम से मैं दूर था।
तेरे सनमुख आने के लायक
मैं कदापी योग्य न था। … २
Verse 3पर तू ही मेरा सहारा बना
अपने पास मुझे बुलाया…
इसलिये मसीहा… होटो से अपनी
स्तुती तेरी करूंगा। …
Verse 4तेरे अनुग्रह, तेरी दया को
कैसे, भूलू मैं मसीह
मेरे श्राप, को तूने हटाकर
खुद श्रापित बना मसीह…२