हम तो जलते दीप है यीशु की ज्योति के
जबतक है जहाँ में हमको जलते जाना है
अंधियारी डगर पे हो आँधियाँ कई
हर डगर पे ज्योति यीशु की फैलाना है
हम तो जलते दीप है...
Verse 2
जलना ज़िंदगी हमारी यीशु के लिए
जिसने दाग हर गुनाह के मेरे धो दिए
जिसने सूली पर जलाई ज्योति प्रेम की
वही ज्योति आज मेरे दिल में जल रहीं
कोई भटका हो डगर पे बेपना हसा
आज सूली के तले उसे बुलाना है
हम तो जलते दीप है...
Verse 3
जल रही थी ज़िंदगी यहा गुनाहों में
यीशु ने हमको ले लिया अपनी पनाह में
दे रहा आवाज़ सबको आओ मेरे पास
जिस ने पाया है हमें देकर अपनी जान
उस मसीह की ज्योत हर कहीं फैलाना है
हम तो जलते दीप है...