Verse 1हे परम पवित्र पिता
तेरी हो स्तुति सदा
तू हे महान और शक्तिमान
Verse 2पर्वत , पक्षी, सागर सारे,
करते है तेरी महिमा (2)
फिर कैसे चुप रहूँ मैं, दाता प्रभु महान (2)
Verse 3इस जीवन में तेरी,
इच्छा को प्रथम स्थान (2)
करूं पूरे लगन से सेवा,
अब से यही अरमान (2)