Verse 1होवेगी बरकत की बारिश, वायदा पुर प्यार है सही
आवेगी ताज़गी आसमान से, भेजेगा जिसको मसीह
Verse 2बरकत की बारिश, बरकत की बारिश भरपूर,
रहम की बूँद टपकती, पर बारिश हमको ज़रूर
Verse 3होवेगी बरकत की बारिश, होगी नई कूव्वत ज़रूर
वादी पहाड़ और मैदान पर, जब बारिश होगी भरपूर
Verse 4होवेगी बरकत की बारिश, काश अभी पावें हम सब,
यीशु तू ताज़गी अब बख्श दे, वायदे को पूरा कर अब
Verse 5होवेगी बरकत की बारिश, भेज उसे अभी, हाँ अब,
मानते गुनाह जब हम अपने, दे बारिश यीशु ऐ रब्ब