जय जय जय जय जय येशू,
तू ही तू है तू ही प्रभु 2
हाल्लेलूयाह 6
Verse 2
प्रेम का सागर तू है गहरा ,
तुझ को खोजे, ये मन मेरा 2
कितना पावन नाम है तेरा
अर्पण तुझ को सब कुछ मेरा 2
व्याकुल रेहता है मन मेरा
राज्य प्रभुजी आवे तेरा।
Verse 3
मेरा मसीहा सुबह का तारा
मधु से मीठा, प्राण से प्यारा 2
तुझसे ज्यादा मुक्तिदाता,
जग भर में ना कोइ भाता 2
तू ही अल्फ़ा, तू ही ओमेगा
जो हमेश तक ही रेहता 2॥
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