Verse 1जीवन की खोज में निकला रे – 2
यीशु पाया, यीशु पाया – 2
मार्ग पाया, सत्य पाया,
जीवन पाया रे (4 बार)
ओ साथी रे, साथी रे
ऐ बंधु रे, बंधु रे
Verse 2इस दुनिया में, घोर अंधेरा
शैतां ने है, डाला डेरा
सबके मन को, उसने घेरा – 2
ओ निकला उजियारे की खोज में – 2
यीशु पाया, यीशु पाया
मार्ग पाया...
Verse 3मन के अंदर, पाप की नगरी
भरती जाये, कर्म की गगरी
कौन बचाये, भव सागर से
हाँ, मेरी प्यासी अंखियाँ तरसे
निकला छुटकारे की खोज में – 2
यीशु पाया..