जो सर्वोच्च प्रभु के आश्रय में घर अपना बनाता है ... (2)
वो सर्वशक्तिमान की छाया तले सुकून से रहता है ... (2)
Verse 2
वो सहारा तेरा, वही गढ़ है तेरा
वही तेरा खुदा, वो भरोसा तेरा
अपने पंखों से घेरलेगा तुझे
अपनी बाज़ू तले पनाह देगा तुझे
उसकी सच्चाई है ढाल सी पर
सदा तुझे जो बचाता है
जो सर्वोच्च प्रभु…
रात के भय से तू ना डरेगा
न दिन के उड़ते हुए तीर से डरेगा
तेरे दोनो ओर हज़ारों गिरेंगे
लेकिन वो तेरे पास ना आएगा
वो सहारा तेरा…
Verse 3
गर यहोवा की पनाह में रहोगे
हर मुसीबत से तुम तो बचोगे
अपने फरिश्तो को आदेश देकर
तेरी राहोंपर वो रक्षा करेगा
वो सहारा तेरा…
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