Jungli darakhton ke darmiyan - Hamd karu
Song: Jungli darakhton ke darmiyan - Hamd karu
Verse 1जंगली दरख्तों के दरमियान,
एक सेब के पेड के समान
नज़र आता है मुझे ऐ मसीह,
सारे संतो के बीच में तू
Verse 2हम्द करू, तेरी ऐ प्रभु
अपने जीवन भर,
इस जंगल के सफर में,
गाऊँ शुक्रगुज़ारी से मैं (2)
Verse 3तू ही है नरगिस खास शारोन का ,
हां तू सोसन भी वादियों का
संतो से भी तू है अति पवित्र
कैसा कामिल और शान से भरा
Verse 4इत्र के समान है तेरा नाम,
खुशबू फैलाता है जहाँ में
तंगी, मुसीबत और बदनामी में
बना खुशबुदार तेरे समान
Verse 5घबराहट की लहरों में गर,
डूयूं दुखों के सागर में
अपने ज़ोरावर हाथ को बढ़ा
मुझे अपने सीने से लगा
Verse 6अभी आ रहा हूँ तेरे पास,
पूरी करने को तेरी मर्जी
ताकि दे दूं मैं काम को अंजाम
पाऊं तेरे दीदार में इनाम
Verse 7translation of
Adavi tharukkalinidayil oru naarakam (221)