Jyoti se yeshu ki dur hai
Song: Jyoti se yeshu ki dur hai
Verse 1ज्योति से यीशु की दूर है अंधियारी,
फूल उठी मन में प्रेम की फुलवारी ।
Verse 2तन - मन तू सब धन तू,
मालिक तू जीवन है तू -2
जल - थल में बादल में ,
शक्ति तेरी गर्जन है तू ,
कण - कण में दीख पडी छवि तेरी न्यारी ।
Verse 3मार सही क्रूस चढ़ा ,
रक्त बहा कुछ न कहा ,
कृपा तेरी मुक्ति मेरी ,
तेरा वचन साथ रहा ,
पापिन से प्रभु जी , प्रीति तेरी न्यारी ।
Verse 4शब्द तेरा गूंज उठा ,
जाग उठी तेरी लगन ,
सप्त - सुमन प्यार की धुन ,
झूम उठा सारा गगन
बन्धन में डूब गई , यह दुनिया सारी ।