Karle kabza aye paak rooh
Song: Karle kabza aye paak rooh
Verse 1सोचों पे कब्ज़ा ख़लाओं पे कब्ज़ा
सासों पे कब्ज़ा बातों पे कब्ज़ा
Verse 2करले कब्ज़ा ऐ पाक रूह
करले कब्ज़ा ऐ पाक रूह
Verse 3मालिक तू ही हर दम का है
मरहम तू ही हर गम का है
हर दम पे कब्ज़ा
हर गम पे कब्ज़ा
Verse 4जब भी अपना मुँह मैं खोलूं
हिकमत के ही जुम्ले बोलूं
मेरे मुँह पे कब्ज़ा
मेरी रूह पे कब्ज़ा
Verse 5तुझमें ही हर काम करूँ मैं
जीवन तेरे नाम करूँ मैं
काम पे कब्ज़ा नाम पे कब्ज़ा
Verse 6राहें तुझसे जुड़ती रहे अब
हिकमत तुझसे मिलती रहे अब
राहों पे कब्ज़ा हिकमत पे कब्ज़ा