Verse 1कोई नही है अच्छा नही एक भी नही … (2)
कोई नहीं समझता, कोई नहीं समझता नही एक भी नही
रब को जो चाहता हो नही एक भी नही
करता हो जो भलाई,
करता हो जो भलाई नही एक भी नही
कोई नही है अच्छा नही एक भी नही…
Verse 2अच्छाई क्या करोगे ईमान से बचोगे
सबने गुनाह किया है सब उससे दूर है … (2)
है कोई उसके जैसा नही एक भी नही
चाहे हो कोई कैसा, चाहे हो कोई कैसा नही एक भी नही
जो अपनी जान दे दे नही एक भी नही
सबके गुनाह ले ले
सबके गुनाह ले ले नही एक भी नही
कोई नही है अच्छा नही एक भी नही…
Verse 3यीशु ही है बचाता हर पाप से छुड़ाता
अपना लहूं बहाता दुनिया को माफ़ करता … (2)
करता हो माफ़ ऐसे ऐसे नही एक भी नही
देता नज़ात ऐसे
देता नज़ात ऐसे नही एक भी नही
ऐसा खुदा का बेटा नही एक भी नही
दुश्मन को प्यार देता
दुश्मन को प्यार देता नही एक भी नही
कोई नही है अच्छा नही एक भी नही…