Verse 1माँ जैसे संभालती है
वैसे ही येशु संभालेगा..2
अंध्यारे इस जग में वो
तुझको कभी ना छोड़ेगा
Verse 2राहो में अगर कांटे हो
मुसीबत भरा हो सफर
गोदी में येशु उठाके तुझको
खुद चलेगा काँटों पर 2
Verse 3माँ जैसे आसूं पोछती
हर आसूं येशु पोछेगा
तेरी एक हसी के लिए
वो अपना लहू बहा देगा
Verse 4सुख में सब पास होते है
दोस्त साथ चलते है
दुःख मैं सब छोड़ जाते हैं
अपने बेगाने बन जाते हैं
Verse 5माँ जैसे संग संग रहती है
वैसे ही येशु संग संग रहेगा
चाहे सुख हो चाहे दुःख हो
तुझको कभी ना छोड़ेगा।