Verse 1मन मेरे ना हो निराश तू ना धीरज हार ... (2)
प्रभु ने देखा तुझे और बुलाया वो छोड़ देगा क्या
मन मेरे ना हो निराश...
Verse 2प्रभु की ये स्तुति गान कर तू
जिसने प्रतिग्या है दी ... (2)
प्रार्थना कर की आत्मा उत्साह की रखे तुझे थामें ... (2)
मन मेरे ना हो निराश
Verse 3संकटो से घीरा यदि हो तू, दुखी आँसुओ से भरा ... (2)
क्या वो क्षण आनंद का ना होगा, सांत्वना जब तुझे दे ... (2)
मन मेरे ना हो निराश
Verse 4मुश्किलो पर जय पायें जो, धन्य है वो मानव
क्याही आनंद का वो क्षण होगा, मिले जो जीवन का मुकुट ... (2)