Verse 1मेरा प्रभु, स्वर्ग-सिंहासन पे, बैठे
मुझको करुणा से, संभालता है -2
Verse 2पिता और माता, मकान और, ये धन-दौलत
ज़मीन और सुख सारे, यीशु ही है -2
बचपन, से आज तक वह, संभाला है
यही प्रभु, मेरे लिए, पर्याप्त है -2
Verse 3दुनिया, से कोई भी, सहाय, नहीं मिलती
देखके भी, कोई ध्यान, देता नहीं -2
लेकिन, मेरे लिए, आसमानों में
एक सहायक, खड़ा है, आश्वास देता है -2
Verse 4अनाथों, के लिए, वह अच्छा पिता है
माता से बढ़कर वह, कृपालु है -2
विधवा का दुल्हा है, गरीब कि रोटी है
सब के लिए, यीशु, सब कुछ है -2
Verse 5रोते, चिड़ियों को और, मैदान, के फूलों को
खाना, और सुन्दरता , देता वह है -2
जंगल के जानवर और, नदी के मछलियां
सबको, प्रभु पर ही, आसरा है -2
Verse 6शादी के दावत में, मुझको बुलाया है
उस दिन, वह मेरा दुख, मिटा देगा -2
जल्दी आएगा, दुल्हा मेरा , आएगा
मुझमें, आनंदित होके, राज करेगा -2
Verse 7translation of
Ente daivam swargga (3508)