मेरा प्रिय दायाँ हाथ पकड़कर
चलाता है दिन प्रति दिन
सुख के पलों में दुःख के पलों में भी
मुझको ना त्यागेगा मेरा प्रिय
Verse 2
मै न डरूंगा मैं न डरूंगा
प्रतिकूल कितने भी आये तो
मैं न गिरूंगा मैं न गिरूंगा
प्रलोभन कितने भी आये तो
वो ही संभालेगा वो ही तो पालेगा
अंत तक चलाएगा मेरा प्रिय
Verse 3
आगे गरजता लाल समुन्दर
शत्रु की सेना भी पीछा करे
लाल समुंदर में राह बनाकर
ले जाएगा मुझे जयवंत उस पार
Verse 4
आग की भट्टी चाहे मेरे विरुद्ध जले
शद्रक के जैसे जब डाला जाऊं
मेरे ही संग वो अग्नि में उतर कर
जले बिना मुझे छुड़ाएगा
Verse 5
गर्जन करते शेरों की गुफा में
दानिएल के जैसे जब डाला जाऊं
शेरों को रचनेवाला है मेरा प्रभु
आँखों की पुतली जैसे संभालेगा
Verse 6
करीत नाले का पानी भी सूखे
कौए का आना भी जब रुक जाए
सारपत प्रबंध कर एलिया का पोषणहार
मुझको भी पालेगा मेरा प्रिय
Verse 7
मिटटी से मिटटी में मिल जाऊं तो भी
मेरा रखवाला यीशु छोड़ेगा ना
मुझको जिलाएगा स्वर्गीय देह में
महिमा में मुझको अपनाएगा