मेरे मेहबूब प्यारे मसीहा ... (2)
किस जगह तेरे जलवा नहीं है
किस जगह तेरी शोहरत नहीं है ... (2)
किस जगह तेरा चर्चा नहीं है
मेरे मेहबूब प्यारे मसीहा...
Verse 2
लोग पीते है और गिर जाते है
मैं तो पिता हूँ गिरता नहीं हूँ ... (3)
मैं तो पिता हूँ दर पे मसीह के ... (2)
ये अंगूरों का शीरा नहीं है
मेरे मेहबूब प्यारे मसीहा...
Verse 3
आँखवालो ने तुझको है देखा
कानवालो ने तुझको सुना है ... (3)
तुझको पहचानते है वो इंसान ... (2)
जिनकी आँखों पे पर्दा नहीं है
मेरे मेहबूब प्यारे मसीहा...
Verse 4
मेरा मेहबूब दुनिया में आया
आके पापों का बोझ उठाया ... (3)
उसके कदमों में होते नहीं जो ... (2)
वो हक़ीक़त में सजदा नहीं है
मेरे मेहबूब प्यारे मसीहा...