नम्रता से रहना यीशु ने कहा
अपने आप को छोटा कर यीशु ने कहा
धन्य है वे जो नम्र है
पृथ्वी के अधिकारी होंगे … (2)
नम्रता से रहना यीशु ने कहा
अपने आप को छोटा कर यीशु ने कहा
Verse 2
धन्य हो तुम जब मेरे कारण सतायें जाते हो
तुम्हारे विरुद्ध बातें करके तुम्हारी निंदा करते है
लेकिन आनंदित और मगन होना तुम्हारा फल स्वर्ग में है … (2)
नम्रता से रहना…
Verse 3
गुरु होकर भी यीशु ने चेलो के पाँव धोए
महान प्रभु होकर भी हमारे लिए रोए
मानवजाती के लिए खुद को उसकी शरण किया … (2)
नम्रता से रहना…
Verse 4
यीशु ने अपने आप को ऐसा नम्र किया
महान प्रभु होकर भी सूली पर वो चड़ा
उसके जीवन से हमे सबको है सीखना … (2)
नम्रता से रहना…