ओ प्रभु मैं जीना चाहता हूँ
करुणा का जल मैं पीना चाहता हूँ ... (2)
तेरे हाथों से प्रभु तेरे हाथों से ... (2)
ओ प्रभु मैं जीना चाहता हूँ...
Verse 2
अपनों से हूँ मैं मारा
सुना लगे मुझे जग सारा ... (2)
खुद से लड़ कर मैं जंग को
दोनों तरफ से हूँ हारा
प्रीत तेरी मैं पाना चाहता हूँ
ओ प्रभु मैं जीना चाहता हूँ...
Verse 3
आखरी है साँसे अब
प्राण जाएं न जाने कब … (2)
आइना ह्रदय का टुटा मेरा
बिखरे हुए है टुकड़े सब
दिल अपना तुझे देना चाहता हूँ
ओ प्रभु मैं जीना चाहता हूँ...
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