Verse 1ओहो मसीह आया ज़मीन पर
खुशी होती है सारे आसमान, आसमान 10
Verse 2अपने गल्लों की करते रखवाली,
गडरिये बारी-बारी, हो जैसे पासबान
पासबान (10)
Verse 3उन पर चमका, उजियाला बड़ा वाला,
कि जिससे हुआ रोशन, तमाम वह मैदान
वह मैदान (10)
Verse 4एक लश्कर तब आया आसमानी, सुनाइ स्वर्गीय वाणी,
बहुत ही खुश इलहान
खुश इलहान (10)
Verse 5रब्ब को ऊपर बढाई नीचे सुलह
सलामती हो मिन्नत हो राजी सब इन्सान
सब इन्सान (10)