पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा 4
मेरी सहायता कहाँ से आयेगी 2
जिसने आसमां और जमीन बनाई हैं
उसी खुदा को मैंने मददगार पाया हैं
मदद वहीँ से मैं तो पाऊंगा 2
पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा 2
Verse 2
फिसलने न देगा तेरे पावों को कभी
ऊंघने का नहीं मुहाफिज तेरा कभी 2
वो कभी न ऊँघेगा, वो कभी न सोयेगा
देखो इस्राएल का रक्षक हैं खुदा 2
मदद उन्हीं से मैं तो पाऊंगा 2
पहाड़ों की तरफ नजर उठाऊंगा..... 2
Verse 3
सुनले मुहाफिज तेरा प्रभु योह्वा हैं
तेरे दाहिने हाथ पे तेरा साहिबान हैं 2
न आफ़ताब दिन को, न महताब रात को
तुझको न कभी भी ये सतायेंगे
हर बाला से खुदा ही बचायेंगे
आने जाने में बचायेंगे
हमको यकीन हैं बचायेंगे
पहाड़ों की तरफ नजर... ...