Verse 1तेरे छूने से रोगी चंगा हुआ
तेरे छूने से अँधा चंगा हुआ… (2)
Verse 2तेरे छूने से कोढ़ी चंगा हुआ
तेरे छूने से मुर्दा ज़िंदा हुआ
मुझ पापी पे अपना हाथ बढ़ा
छूले, छूले, छूले, पवित्र आत्मा...
Verse 3मुझे छूले, छूले, छूले,
पवित्र आत्मा मुझे छू… (2)
Verse 4आत्मा, ओ आत्मा
सच्चाई से मैं बचता था… (2)
Verse 5पाप सारे मेरे करदे तू माफ़... (2)
क्षमा तू कर, पवित्र कर,
आत्मा से भर
छूले, छूले...
Verse 6लहूँ की, ओ लहूँ की
सामर्थ से करदे तू साफ... (2)
लहूँ की सामर्थ से करदे तू साफ
Verse 7दुर्बल शरीर को दे तू शिफा
चँगाई दे, पवित्र कर,
आत्मा से भर
छूले, छूले...