Tere sanmukh shish navathe
Song: Tere sanmukh shish navathe
Verse 1तेरे सन्मुख शीश नवाते
हे जग के करतार
डूबे हुओं को दे दो सहारा
कर दो बेड़ा पार
Verse 2पाप के बादल सिर पर छाये
घिरा हुआ तूफान
तुम बिन नैय्या कौन सम्भाले
मेरे प्रभु महान
आके बचा लो प्राण हमारे
जग के खेवनहार।
Verse 3जन्म के अन्धों को दी आँखे
रोगी लिए बचाए
पाप क्षमा कर सब पापिन के
मुर्दे दिये जिलाये
पापी हृदय हम भी लाये
धो दो पालनहार ।
Verse 4सुन्दर पक्षी पर्वत सागर
सबके सृजनहार
आके विराजो मन मन्दिर में
बन्दे करें पुकार
व्याकुल हृदय तुझको पुकारे
आजा तारणहार ।