Verse 1तेरी आत्मा नित रहे मेरे मन में
तेरा नाम गाता रहूँ हर पल में।
Verse 2तेरा प्रेम मेरे अन्दर खिलना है
बुराई से मुक्त होके जीना है।
Verse 3पाप का स्वभाव सब दूर होना हे
प्रभु आत्मा के संग चलना है।
Verse 4जीवन जल, नदी जैसा बहना है
क्रूस तले देश को आना है।
Verse 5वरदान, फल सब दिन बढ़ना है।
सेवा कर दौड़ पूरी करना है।
Verse 6अदन जैसी संगति में बढ़ना हे
यीशु की आवाज़ सुन के झूमना है।