Verse 1तुम उस पुस्तक के लेने और मोहरें
खोलने के योग्य है क्योंकि तूने वध होकर
अपने लहू से
हर एक कुल और भाषा और जाती में से
परमेश्वर के लिए लोगों को
मोल लिया है
Verse 2और उनको हमारे परमेश्वर के लिए
इक राज्य और याजक बनाया है
और वो पृथ्वी पे राज्य करता है
Verse 3वध किया हुआ मेम्ना ही
सामर्थ ज्ञान और शक्ति के
आदर और महिमा और
धन्यवाद के योग्य है
Verse 4जो सिंहासन पर बैठा है उसका
और मेम्ने का धन्यवाद
और आदर और महिमा
राज युगायुग रहे
Verse 5वो मेम्ना खुदा का बेटा
गायल हुआ वध हुआ
सबके पापों का बोझ लेकर
सूली चढ़ा सूली चढ़ा