ये कैसा अनुग्रह ये कैसा प्यार
एक गुनहगार मैं बच गया … (2)
खोया था पर प्रभु ने ढूंढा
अँधा था पर अब देखता हूँ … (2)
ये कैसा अनुग्रह…
Verse 2
गुनाहों के बादल ऐसे छाएं
कोई ना था अपना सभी थे पराए … (2)
ऐसे में मुझे मिला सिर्फ़ तेरा प्यार … (2)
अब मैं आज़ाद हूँ, हाँ मैं आज़ाद … (2)
ये कैसा अनुग्रह…
Verse 3
काँटों भरे थे ये दुनिया के रास्ते
फिर भी सहा सबकुछ उसने मेरे वास्ते … (2)
मैं अब ना रहा मसीह मुझमे हैं … (2)
अब मैं आज़ाद हूँ, हाँ मैं आज़ाद … (2)
ये कैसा अनुग्रह…
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