मुँह पे है थूके बरसायें कोड़े ... (2)
कितने ज़ुल्मी यीशु को तोड़े ... (2)
यीशु का गहरा प्यार ये कैसा
दर्द ना दूजा यीशु के जैसा ... (2)
Verse 2
मां की ममता आंसू बहाएं ... (2)
कांटे सर पर देख ना पाएं
यीशु का गहरा प्यार ये कैसा
दर्द ना दूजा यीशु के जैसा ... (2)
Verse 3
कितने दुःख मेरे यीशु ने झेले
हाथों में पैरों में मारे थे कीलें ... (2)
हाथों में पैरों में मारे थे कीलें
यीशु का गहरा प्यार ये कैसा
दर्द ना दूजा यीशु के जैसा ... (2)
Verse 4
अंत यीशु का था अनहोना ... (2)
तुझको बचाने ये था होना ... (5)
यीशु का गहरा प्यार ये कैसा
दर्द ना दूजा यीशु के जैसा ... (2)